आपस में झगड़ा न करो वरना
“और आपस में झगड़ा न करो (वरना) तुम हिम्मत हार जाओगे और तुम्हरी हवा उखड़ जाएगी।” (सूरए अनफ़ाल, आयत 46)एक समाज, ख़ानदान या घर को बरबाद करने में झगड़े लड़ाईयों का बहुत बड़ा हाथ होता है। इन झगड़ों के चक्कर...
View Articleसहाबि-ए-रसूल की क़ब्र की बे हुरमती
सीरिया में बागि़योंके ज़रिये सहाबि-ए-रसूल जनाबे हुज्र बिन अदी की क़ब्र की बे हुरमती के मज़मूम वाकि़या पर आज मजलिसे ओलमाए हिन्द के सेन्ट्रल आफिस इमामबाड़ा गु़फरानमआब में एक जल्सा हुआ जिसकी सदारत मौलाना...
View Articleइस्लाम, एकता का धर्म है- इमाम गजाली
हुज्जतुल इस्लाम इमाम अबू मुहम्मद अल गजाली (१०५५-११११ AD) कहा जा सकता है कि आज के युग में ग़ज़ाली एकता का परचम उठाने वालों में से एक हैं। ग़ज़ाली का मानना है कि, इस्लाम, एकता का धर्म है| और अपनी...
View Articleक्या गुनाह करना हमारी मज़बूरी बनता जा रहा है ?
इस्लाम में मुनाफिकत की सज़ा बड़ी सख्त है लेकिन शायद यह लव्ज़ कुछ दुश्मन ऐ इस्लाम के नाम तक महदूद होके आज रह गया है |लोगों को यह एहसास ही नहीं होता की आम जीवन में अपने कामो को अंजाम देते वक़्त कब वो...
View Articleमुसलमानो के बीच इख़्तिलाफ़
हर धर्म के मानने वालों में आपस में भी बहुत से विषयों पे मतभेद हुआ करता है | इस्लाम के माने वालों में भी ऐसे कई मतभेद है जिसका फायदा लोग उठा के उनमे आपस में टकराव पैदा कर दिया करते हैं| जब की इस्लाम दीं...
View Articleइस्लाम में पड़ोसी के साथ अच्छे व्यवहार पर बड़ा बल दिया गया हैं
इस्लाम में पड़ोसी के साथ अच्छे व्यवहार पर बड़ा बल दिया गया हैं। परन्तु इसका उददेश्य यह नही हैं कि पड़ोसी की सहायता करने से पड़ोसी भी समय पर काम आए, अपितु इसे एक मानवीय कर्तव्य ठहराया गया हैं | पडोसी के...
View Articleजनाबे हुज्र बिन अदी सहबिये रसूल(सव) की बेहुरमती
मुसलमानों के बीच यह बहस हमेशा से होती रही की कुरान ने अहलेबैत अ. की अहमियत बताई है और उनके पीछे चलने की हिदी दी है लेकिन यह भी सच है की अहलेबैत अ. कि दुश्मनी मुनाफिकों ने हमेशा से की और आज भी वही...
View Articleविलादत अमीरुल मोमिनीन हजरत अली (अ.स) मुबारक
विलादत अमीरुल मोमिनीन हजरत अली (अ.स) मुबारक अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (स.अ.व) के दामाद हजरत अली (अ.स) का जन्म 17 मार्च 600 ,13 रज्जब शुक्रवार को 599 ईसा पूर्व , मक्का में और हदीसों के आधार पर...
View Articleइतिहास रचने वाली कर्बला की महिलाएं
इतिहास रचने वाली कर्बला की महिलाएंबहुत से महापुरुष और वे लोग जिन्होंने इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनकी सफलता के पीछे दो प्रकार की महिलाओं का बलिदान और त्याग रहा है। पहला गुट उन मोमिन और...
View Articleवो मसायेल जिनका जानना ज़रूरी है |अयातुल्लाह सीस्तानी
वह बातें जिन का जानना ज़रुरी है।तक़लीदसवाल: क्या तक़लीद के बाद पूरी तौज़ीहुल मसाइल का पढ़ना ज़रुरी है?जवाब: आयतुल्लाह सीस्तानी:उन मसाइल का जानना ज़रूरी है जिस से इंसान हमेशा दोचार है।आयतुल्लाह ख़ामेनई:...
View Articleइमाम हुसैन (अ:स) के खुतबे - मदीना से कर्बला तक (ऑडियो)
कर्बला की घटना न केवल इस्लामी बल्कि मानव इतिहास की एक बहुत बड़ी त्रासदी है। यही वजह है कि आज लगभग चौदह सौ साल गुज़रने के बावजूद ये घटना लोगों के मन में इस तरह ताज़ा है जैसे ये बस कल की बात है। ऐसी...
View Articleइस्लाम का सफ़र मक्का से कर्बला तक
मुसलमानों का मानना है कि हर युग और हर दौर मैं अल्लाह ने इस धरती पर अपने दूत(संदेशवाहक/पैग़म्बर), अपने सन्देश के साथ इस उद्देश्य के लिए भेजे हैं कि अल्लाह के यह दूत इंसानों को सही रास्ता दिखायें और...
View Article२७ रजब शब् ऐ मिराज और बेअसत का मुबारक दिन
यह रजब का महिना है और इस महीने की बड़ी अहमियत है. २७ रजब का दिन मिराज का दिन तो लोग याद रखते हैं, लेकिन यह दिन बेअसत का दिन भी है, जिसको कम लोग याद रखते हैं । बेअसत का अर्थ होता है ईश्वर द्वारा किसी...
View Articleहजरत मुहम्मद (स.अव) की जीवनी
पैग़म्बरे इस्लाम, ख़ातमुन नबीयीन, अशरफ़ुल मुरसलीन, हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स.) और हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम की विलादत की तारीख़ पर हम दुनिया के तमाम मुसलमानों को मुबारकबाद अर्ज़ करते हैं। हमें...
View Articleफिर एक हुसैन चाहिए ज़ुल्म और नफरत मिटाने के लिए |
इस्लामी माह शाबान की तीसरी तारीख को पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद (स.) के प्यारे नवासे हजरत इमाम हुसैन का यौमे विदालत मनाया जाता है |हज़रत इमाम हुसैन (अ.) हज़रत अली (अ.) व हजरत मुहम्मद (स.अ.व) की बेटी...
View Articleइमाम हुसैन का भारतप्रेम
यह एक सर्वमान्य सत्य है कि इतिहास को दोहराया नहीं जा सकता है और न बदलाया जा सकता है ,क्योंकि इतिहास कि घटनाएँ सदा के लिए अमिट हो जाती है .लेकिन यह भी सत्य है कि विज्ञान कि तरह इतिहास भी एक शोध का विषय...
View Articleशहादत इमाम हुसैन मानव इतिहास की बहुत बड़ी त्रासदी
शहादत इमाम हुसैन मानव इतिहास की बहुत बड़ी त्रासदीप्रोफेसर अख्तरुल वासे22 नवंबर, 2012(उर्दू से अनुवाद- समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम)मोहर्रम का महीना इस्लामी महीनों में कई मायनों में बहुत अहम है। इतिहास...
View Articleहुसैन और भारत विश्वनाथ प्रसाद माथुर * लखनवी मुहर्रम , १३८३ हिजरी
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत फ़तिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हैं। आप अपने माता पिता की द्वितीय सन्तान थे। आप हजरत मोहम्मद साहेब के छोटे नवासे...
View Articleरोजा रखो स्वस्थ रहो:
शिया जामा मस्जिद के इमामे जुमा मौलाना आसिम हुसैन ने आज रमजान की फजीलतों का तजकिरा किया। उन्होंने आमाले रमजान और नमाज के बारे में तफ्सील से बताया। मौलाना आसिम ने नमाज के बाद रमजान में खजूर और गर्म पानी...
View Articleअल्लामा हिल्ली और नास्तिक
प्राचीन काल से ही मनुष्य के मन में यह प्रश्न उठता रहा है कि सृष्टि का आरंभ कब हुआ, कैसे हुआ, क्या यह संभव है कि मनुष्य कभी यह समझ सके कि चाँद, सितारे, आकाशगंगाएं, पुच्छलतारे, पृथ्वी, पर्वत, उसकी ऊँची...
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