कर्बला की घटना न केवल इस्लामी बल्कि मानव इतिहास की एक बहुत बड़ी त्रासदी है। यही वजह है कि आज लगभग चौदह सौ साल गुज़रने के बावजूद ये घटना लोगों के मन में इस तरह ताज़ा है जैसे ये बस कल की बात है। ऐसी घटनाएं चाहे कितने ही दर्दनाक और दिल को दुखाने वाले ही क्यों न हों लेकिन वास्तविकता ये है कि वो ब्रह्मांड में खुदा की जारी सुन्नत और फितरत (प्रकृति) के तकाज़े के बिल्कुल मुताबिक होते हैं। अल्लाह की बनाई हुई प्राकृतिक व्यवस्था ये है कि जब भी उसके दीन को कोई खतरा होता है, अल्लाह किसी महान और पवित्र बंदे को दीन के मजबूत क़िले की सुरक्षा के लिए भेज देता है और उसके द्वारा उसकी रक्षा का काम अंजाम देता है।
हक़ीकत ये है कि दुनिया की कोई ऐसी क़ौम नहीं है जिसने इस घटना से प्रेरणा और आध्यात्मिक सीख न हासिल की हो और उसके विचारों और दृष्टिकोणों पर इसका कोई असर न पड़ा हो।
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ख़ुत्बा विवरण (सारे ख़ुत्बात में MP3 में सुन्ने के लिए हैं)