लोगों के बीच सुलह सफ़ाई कराने की अहमियत
आज के दौर में इंसानों के दिलों से अपने रिश्तेदारों और दोस्तों की मुहब्बत कम होती जा रही है और ज़रुरत के रिश्ते बनाने का रिवाज सा चल निकला है | इस समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जो दो इंसानों का प्यार...
View Articleहज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की इबादतों पर हक़्क़ानीयत को नाज़ है
अल्लाह ने तमाम आलमें इंसानियत की हिदायत के लिये इस्लाम में कई ऐसी हस्तियों को पैदा किया जिन्होने अपने आदात व अतवार, ज़ोहद व तक़वा, पाकीज़गी व इंकेसारी, जुरअतमंदी, इबादत, रियाज़त, सख़ावत और फ़साहत व...
View Articleकुरआन की चालीस ‘रब्बना’ दुआ
४० कुरआन की ‘रब्बना’ दुआ क्रमअरबीArebic – Englishहिंदी अनुवादEnglish Translation1رَبَّنَا تَقَبَّلْ مِنَّا إِنَّكَ أَنْتَ السَّمِيعُ العَلِيمُ [البقرة :127]Rabbana taqabbal minna innaka antas Sameeaul...
View Articleफिरका परस्ती एक नासूर
बिस्मिल्लाह अर् रहमान अर् रहीमअल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान और बहुत रहेमवाला है.सब तारीफे अल्लाह के लिए है जो तमाम जहाँ का पालनेवाला है, हम उसीकी तारीफ़ करते है और उसी का शुक्र अदा करते है. अल्लाह...
View Articleआपस में झगड़ा न करो वरना
“और आपस में झगड़ा न करो (वरना) तुम हिम्मत हार जाओगे और तुम्हरी हवा उखड़ जाएगी।” (सूरए अनफ़ाल, आयत 46)एक समाज, ख़ानदान या घर को बरबाद करने में झगड़े लड़ाईयों का बहुत बड़ा हाथ होता है। इन झगड़ों के चक्कर...
View Articleसहाबि-ए-रसूल की क़ब्र की बे हुरमती
सीरिया में बागि़योंके ज़रिये सहाबि-ए-रसूल जनाबे हुज्र बिन अदी की क़ब्र की बे हुरमती के मज़मूम वाकि़या पर आज मजलिसे ओलमाए हिन्द के सेन्ट्रल आफिस इमामबाड़ा गु़फरानमआब में एक जल्सा हुआ जिसकी सदारत मौलाना...
View Articleइस्लाम, एकता का धर्म है- इमाम गजाली
हुज्जतुल इस्लाम इमाम अबू मुहम्मद अल गजाली (१०५५-११११ AD) कहा जा सकता है कि आज के युग में ग़ज़ाली एकता का परचम उठाने वालों में से एक हैं। ग़ज़ाली का मानना है कि, इस्लाम, एकता का धर्म है| और अपनी...
View Articleक्या गुनाह करना हमारी मज़बूरी बनता जा रहा है ?
इस्लाम में मुनाफिकत की सज़ा बड़ी सख्त है लेकिन शायद यह लव्ज़ कुछ दुश्मन ऐ इस्लाम के नाम तक महदूद होके आज रह गया है |लोगों को यह एहसास ही नहीं होता की आम जीवन में अपने कामो को अंजाम देते वक़्त कब वो...
View Articleमुसलमानो के बीच इख़्तिलाफ़
हर धर्म के मानने वालों में आपस में भी बहुत से विषयों पे मतभेद हुआ करता है | इस्लाम के माने वालों में भी ऐसे कई मतभेद है जिसका फायदा लोग उठा के उनमे आपस में टकराव पैदा कर दिया करते हैं| जब की इस्लाम दीं...
View Articleइस्लाम में पड़ोसी के साथ अच्छे व्यवहार पर बड़ा बल दिया गया हैं
इस्लाम में पड़ोसी के साथ अच्छे व्यवहार पर बड़ा बल दिया गया हैं। परन्तु इसका उददेश्य यह नही हैं कि पड़ोसी की सहायता करने से पड़ोसी भी समय पर काम आए, अपितु इसे एक मानवीय कर्तव्य ठहराया गया हैं | पडोसी के...
View Articleजनाबे हुज्र बिन अदी सहबिये रसूल(सव) की बेहुरमती
मुसलमानों के बीच यह बहस हमेशा से होती रही की कुरान ने अहलेबैत अ. की अहमियत बताई है और उनके पीछे चलने की हिदी दी है लेकिन यह भी सच है की अहलेबैत अ. कि दुश्मनी मुनाफिकों ने हमेशा से की और आज भी वही...
View Articleविलादत अमीरुल मोमिनीन हजरत अली (अ.स) मुबारक
विलादत अमीरुल मोमिनीन हजरत अली (अ.स) मुबारक अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (स.अ.व) के दामाद हजरत अली (अ.स) का जन्म 17 मार्च 600 ,13 रज्जब शुक्रवार को 599 ईसा पूर्व , मक्का में और हदीसों के आधार पर...
View Articleइतिहास रचने वाली कर्बला की महिलाएं
इतिहास रचने वाली कर्बला की महिलाएंबहुत से महापुरुष और वे लोग जिन्होंने इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनकी सफलता के पीछे दो प्रकार की महिलाओं का बलिदान और त्याग रहा है। पहला गुट उन मोमिन और...
View Articleवो मसायेल जिनका जानना ज़रूरी है |अयातुल्लाह सीस्तानी
वह बातें जिन का जानना ज़रुरी है।तक़लीदसवाल: क्या तक़लीद के बाद पूरी तौज़ीहुल मसाइल का पढ़ना ज़रुरी है?जवाब: आयतुल्लाह सीस्तानी:उन मसाइल का जानना ज़रूरी है जिस से इंसान हमेशा दोचार है।आयतुल्लाह ख़ामेनई:...
View Articleहजरत अली (अ.स) की शहादत और उनके कथन
इस्लाम में इस बात पे हमेशा से जोर दिया गया है कि महापुरुषों ,पैगम्बरों, नबियों और इमाम को हमेशा किसी न किसी अवसर में याद किया करो जिससे उनके किरदार को आज का नौजवान समझे और खुद को संवार के एक बेहतरीन...
View Articleसभी लोगों को ईद की मुबारकबाद
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद के साथ मैं सबसे पहले मशहूर शायर कामिल जौनपुरी के इन शब्दों को आप सभी तक पहुंचाना चाहूँगा |मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।आदमी को आदमी से...
View Articleमिलंसारी का महत्व पे कुछ हदीसें
मिलंसारी पहला और सबसे आसान दान हैः हज़रत अली अलैहिस्सलामज़िंदगी का चैन छीनने वाली तीन चीज़ेजिस व्यक्ति में तीन बातें होंगी वह कभी ख़ुश नहीं रह सकताः द्वेष(कीना), ईर्ष्या (हसद) और दुर्व्यवहार (बुरा...
View Articleरफ़्ता- रफ़्ता जुगनुओं के पर कतर जाएगी रात
जब रसूलुलल्लाह (स.अ.) ने इस्लाम मुकम्मल किया तो उस समय अरब में पहले से चार ताक़तें मौजूद थीं। इन ताक़तों में पहली ताक़त लातो मनातो उज़्ज़ा के मानने वाली थी, दूसरी ताक़त यहूदी थे और तीसरी ताक़त ईसाई थे।...
View Articleजी हाँ! आइंस्टीन ने इस्लाम का शिया मत स्वीकार कर लिया था।
जी हाँ! आइंस्टीन ने इस्लाम का शिया मत स्वीकार कर लिया था। ---जीशान हैदर जैदीअल्बर्ट आइंस्टीन को दुनिया का महानतम वैज्ञानिक माना जाता है। जिसने रोशनी के मिजाज़ के बारे में बताया कि वह फोटान नामी कणों की...
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