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Channel: हक और बातिल
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इस्लाम में सेक्स और शादी लेखकः डा. मोहम्मद तक़ी अली आबदी

लेखक एक दृष्टि में नामः डा. मोहम्मद तक़ी अली आबदी पिताः श्री सैय्यद हैदर अली आबदी जन्म तिथि व स्थानः- दो जुलाई उन्नीस सौ बासठ ई. (02-07-1962), लखनऊ, यू.पी.शैक्षिक योगताः पी. एच. डी. (फ़ारसी, लखनऊ...

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इस्लाम में सेक्स और शादी लेखकः डा. मोहम्मद तक़ी अली आबदी Part-2

शादी का तरीक़ा अ. शादी का ख्याल आने पर दुआ ब. पैग़ाम देना स. मंगनी द. निकाह की तारीखों का तय करना च. महर छ. खुतबः और निकाह के सीग़े ज. रूखसती (विदाई) व दुआ झ. दावत-ए-वलीमा (विवाह भोज) शादी का बुनियादी...

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ईद में किस बात की ख़ुशी मानते है : हज़रत अली की ज़बानी

सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।आदमी को आदमी से प्यार करना चाहिए, ईद क्या है एकता का एक हसीं पैगाम है।...

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ईद के चांद ने वातावरण को एक नए रूप मे सुगन्धित किया

  ईद के चांद ने वातावरण को एक नए रूप मे खुशगवार बना दिया . चांद देखते ही लोगों के बीच फ़ितरे की बातें होने लगीं.  फ़ितरा उस धार्मिक कर को कहते हैं जो प्रत्येक मुस्लिम परिवार के मुखिया को अपने परिवार के...

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ऑनलाइन मजलिसों में सिर्फ उनकी पूछ जिनके पास इल्म है |

आज जहाँ एक तरफ कोरोना की वजह से मस्जिदें इमामबाड़े और मिम्बर सूने पड़े हैं तो वहीँ दुसरी तरफ ऑनलाइन मजलिसों का सिलसिला शुरू हो चूका है | आज लोग अपने मरहुमीन के इसाल ऐ सवाब के लिए ,सोयुम चालीसवें और बरसी...

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हज़रत अली अलैहिस्सलाम की 600 हदीसें | Six hundred Ahadis of Hazrat Ali (a.s)

ग़ु-ररुल हिकम व दु-ररुल कलिम से हज़रत अली अलैहिस्सलाम की 600 हदीसेंसंकलनकर्ता : अब्दुल वाहिद बिन मुहम्मद तमीमी आमदीअनुवादक: सैयद क़मर ग़ाज़ीइस संकलन के बारे मेंमासूमीन अलैहिमुस्सलाम की पाक सुन्नत,...

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कभी भी किसी गरीब अपमान न करें और उससे उसकी खुद्दारी और इज़्ज़त को ना छीने |...

हज़रत अली (अ.स.) ने कहा: गरीबी और कठिनाई सबसे बड़ी मौत है।कभी भी किसी गरीब अपमान न करें और उससे उसकी खुद्दारी और इज़्ज़त को मत छीन लेना| हज़रत अली अ .स) "मौत एक व्यक्ति को ज़िन्दगी  में केवल एक बार आती...

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नज़्म "बाप "रज़ा सिरसवी

नज़्म "बाप "रज़ा सिरसवीDIN DHALE JAB KARKE MAZDOORI RAZA AATA HAI BAAP,DEKH KAR HASTE HUYE BACHCHO KO SUKH PATA HAI BAAP.SAMNE ANKHO KE JIS BETE KE MAR JATA HAI BAAP,LAMHA LAMHA ZINDAGI BHAR USKO YAAD...

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किसकी इज़्ज़त की जाय किसकी ना की जाय यह एक बड़ा मसला बन चूका है |

किसकी इज़्ज़त की जाय किसको दोस्त रखा जाय, किस्से ताल्लुक़ात रखा जाय किससे परहेज़ किया जाय यह आज के दौर में एक बड़ा मुश्किल मसला बन के उभरता जा रहा है | मुसलमान के लिए तो कम से कम यह मसला नहीं होना चाहिए...

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Tibb e Masumeen

Aik shaks Imam Ali Raza AS k paas aya aur kahajab mein bahar jata hun to dusrey muqamat kapaani meri sehet pe bura asar krta hai.Imam nemashwara dya: Apni jaga ka paani aik burtan mensaath le jao aur...

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Mout Se Qabr Tak Masoomeen Hadith

Mout Se Qabr Tak Masoomeen HadithMAUT SE QABR TAK (HADITH)MAUT SE QABR TAK(APPROX 100 SELECTED HADITH- DO NOT MISS EVEN A SINGLE ONE)1. Rasule Khuda (saww):Tum mein se koi shakhs kabhi maut ki...

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सेक्स करने के तरीके के असरात बच्चे के किरदार पे होते हैं |

इस्लाम  में शादी (निकाह) का तात्पर्य सेक्सी इच्छा की पूर्ति के साथ-साथ सदैव नेक व सहीह व पूर्ण संतान का द्रष्टिगत रखना भी है। इसी लिए आइम्मः-ए-मासूमिन (अ.) ने मैथुन के लिए महीना, तारीख, दिन, समय और जगह...

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इमाम हुसैन अलैहिसलाम की शहादत के बाद भी क्यों हक़ का साथ लोग नहीं देते ?

कर्बला से हमने क्या सीखा ? क्या लोगों का किरदार इमाम हुसैन अलैहिसलाम के शहादत के बाद सुधरा ? ...एस एम् मासूम |असत्य पे सत्य की जीत की पूरी दुनिया में पहचान बन चुके हुसैन पैगंम्बर ऐ इस्लाम हज़रत मुहम्मद...

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सूरए क़सस की आयत 4 : महिलाओं की स्वतंत्रता के सुंदर शीर्षक के अंतर्गत...

सूरए क़सस की आयत 4 का अनुवाद:  निश्चतय ही फ़िरऔन ने (मिस्र की) धरती में उद्दंडता की और वहां के लोगों को विभिन्न गुटों में बांट दिया। उनमें से एक गुट को कमज़ोर कर रखा था। वह उस (गुट के लोगों) के बेटों...

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दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ |

दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ |शेख़ अबू जाफर  तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं  की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) ने यह दुआ अबू मुहम्मद के आग्रह पर उस समय लिखी जब उन्हों ने इमाम (अ:स) से...

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आज ज़रूरत है ऐसे उलेमा की | मौलाना सैय्यद अली क़ासिम रिज़वी मरहूम

मौलाना सैय्यद अली क़ासिम रिज़वी मरहूम आज यह ज़रूरी हो गया है की हम अपने दौर के उन उलेमा को क़रीब से जानें जिनका किरदार हर दौर में लोगों को सही राह दिखाएगा क्यों की आज यह लोग कहने लगे हैं की क़ुरआन पे और...

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पूरी दुनिया के इंसानो पे बड़ा सख्त वक़्त आया है

पूरी दुनिया के इंसानो पे बड़ा सख्त वक़्त आया है इस महामारी कोरोना की शक्ल में जिस से हर शख्स डरा  हुआ है | लोग इसके बारे में अलग अलग सोंच रखते हैं यह उनका अपना जाती मामला और तजुर्बा है लेकिन अब यह हाल हो...

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मुफ्त में लुत्फ़ के चक्कर में जहन्नम न खरीदें |

इंसानो की पहचान आसान है मुश्किल नहीं | इंसान एक सामाजिक प्राणी है और समाज के लोगों से मिलना जुलना उसकी आदत भी है बहुत बार मज़बूरी भी है ऐसे में यह मुश्किल सामने आती है की आखिर समाज के अलग अलग मिज़ाज के...

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उलेमा की मदद का सच्चा जज़्बा मैंने देखा था मरहूम अल्लामा एहसान जवादी में |

मौलाना एहसान जवादी मरहूम आज के  दौर के उलेमा की ज़िन्दगी को क़रीब से देखने से यह मालूम होता है की अहलेबैत के बताय तौर तरीके आज भी ज़िंदा हैं | कई साल पहले एक हमारे दोस्त मौलाना हसन अब्बास खान मरहूम मीरा...

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मरहूम मौलाना हसन अब्बास खान ग़रीबों का मददगार थे |

आज के दौर की सबसे बड़ी मुश्किल यह है की गुनाहं के आम हो जाने और लोगों के गुनाहों पे राज़ी हो जाने वाले समाज को देख के लोगों के ज़हन में यह आता है की कौन आज कल हदीस और क़ुरआन पे चलता है ? जब आप इमाम (अ ) की...

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