ईद के चाँद पे क्यूँ होता है बवाल ?
बुशरा अलवीचाँद का देखा जाना इस्लामी फ़िक़्ह का बहुत ही अहम मसअला है जिसके बारे में हमारे मराजे और विद्वानों ने बहुत सी किताबें लिखी हैं, और इस्लामी शरीअत के बहुत से काम जैसे रमज़ान के रोज़े, हज, ईद,...
View Articleईद क्या है जानिये हज़रात अली अलैहिस्सलाम से |
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद के साथ मैं सबसे पहले मशहूर शायर कामिल जौनपुरी के इन शब्दों को आप सभी तक पहुंचाना चाहूँगा |मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।आदमी को आदमी से...
View Articleईद के चांद ने वातावरण को एक नए रूप मे सुगन्धित किया
ईद के चांद ने वातावरण को एक नए रूप मे खुशगवार बना दिया . चांद देखते ही लोगों के बीच फ़ितरे की बातें होने लगीं. फ़ितरा उस धार्मिक कर को कहते हैं जो प्रत्येक मुस्लिम परिवार के मुखिया को अपने परिवार के...
View Articleईद की मुबारकबाद- जानिये ईद क्या है ?
सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद | मशहूर शायर कामिल जौनपुरी ने क्या खूब कहा है |मैखान-ए-इंसानियत की सरखुशी, ईद इंसानी मोहब्बत का छलकता जाम है।आदमी को आदमी से प्यार करना चाहिए, ईद क्या है एकता का एक हसीं...
View Articleईद का चाँद होने के पहले क्या फ़ित्र निकाल सकते हैं |
सवालः क्या रमज़ान से पहले फ़क़ीर को फ़ितरा देना सही हैजवाबः नहीं, सही नहीं है, लेकिन (रमज़ान से पहले) क़र्ज़ के तौर पर फ़क़ीर को दे दे और ईद के दिन उस क़र्ज़ को फ़ितरा मान कर माफ़ कर दे।(आयतुल्लाह...
View Articleनजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है | अल्लाह के नेक बन्दे अपनी ज़िन्दगी में भी अल्लाह के नेक बन्दों...
View Articleलैलतुल रग़ाएब -रजब महीने की पहली शबे जुमा
रजब महीने की पहली शबे जुमा (गुरुवार की रात) को लैलतुर रग़ाएब कहा जाता है यानी आर्ज़ूओं और कामनाओं की रात ...इस महान रात के कुछ ख़ास आमाल हैं, हमारी अगर कोई इच्छा कोई दुआ है और हम चाहते हैं कि अपनी कोई...
View Articleबरज़ख़ ,स्वर्ग.नरक और क़यामत क्या है
बरज़ख़आयाते क़ुरआन और अहादीस मासूमीन (अ) से मालूम होता है कि मौत इंसान की नाबूदी का नाम नही है बल्कि मौत के बाद इंसान की रूह बाक़ी रहती है। अगर आमाल नेक हों तो वह रूह आराम व सुकून और नेमतों के साथ रहती...
View Articleज़ियारते नाहिया हिन्दी अनुवाद
सलाम हो ख़लक़े ख़ुदा में चुने रोज़गार नबी आदम (अ:स) परसलाम हो अल्लाह के वली और इस के नेक बन्दे शीस (अ:स) परसलाम हो ख़ुदा के दलीलों के मज़हर इदरीस (अ:स) परसलाम हो सलाम हो नूह (अ:स) पर अल्लाह ने जिन की...
View Articleबुखार से बचने की दुआ|
हज़रत फ़ातेमा (स) से रिवायत बुखार से बचने की दुआ(एक विस्तिरित हदीस में हज़रत सलमान फ़ारसी से इस प्रकार रिवायत हुई है)हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने सलमान फ़ारसी से फ़रमायाः हे सलमान मेरे पिता के देहांत के...
View Articleसमस्याओं से छुटकारे के लिए इमाम ज़माना (अ) से रिवायत, आज़माई हुई दुआ
समस्याओं से छुटकारे के लिए इमाम ज़माना (अ) से रिवायत, आज़माई हुई दुआअनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदीकिताब अलकरेमुल तय्यब में लेखक लिखते हैः मैने एक सम्मानित और विश्वासयोग्य सैय्यद का लिखा दिखा है...
View Articleमहिलाएं या पुरुष खुद को अच्छा दिखाने के लिए अपने जीवन साथी की कमियाँ न गिनाएं |
यह बात अत्यंत आवश्यक है कि पति-पत्नी, अच्छी समझ-बूझ के लिए संयुक्त जीवन से बाहर एक दूसरे की बातों और रहस्यों को बयान न करें क्योंकि जीवन साथी की बातें दूसरों से बयान करने के बड़े नकारात्मक परिणाम सामने...
View Articleमुसलमान ने मुसलमान का हक नहीं दिया तो विलायत के बहार | इमाम जाफ़र ऐ सादिक (अ.स)
मोअल्लाह बिन ख़ुनैस इमाम सादिक़ (अ) से रिवायत करते हैं कि मैं ने इमाम से पूछा कि एक मुसलमान का दूसरे मुसलमान पर क्या हक़ है? आपने फ़रमायाः (एक मुसलमान पर दूसरे मुसलमान के) सात वाजिब हक़ हैं कि अगर...
View Articleहमारे अनुयाइ उस समय तक सुरक्षित रहेंगे जब तक वे अम्र बिलमारूफ और नही...
नमाज़, रोज़ा, हज, और जेहाद की भांति अम्र बिलमारूफ को भी धार्मिक आदेशों में समझा जाता है और उनके मध्य इसे विशेष स्थान प्राप्त है। हज़रत अली अलैहिस्सलाम के अनुसार अम्र बिलमारूफ और नही अनिलमुन्कर का...
View Articleदुनिया की कठिनाई और परेशानियां आख़ेरत की मिठास हैं
एक दिन हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम अपनी थकान उतारने के लिए लेटे तो आपने एक पत्थर अपने सर के नीचे रख लिया और आराम करने लगे।इतने में उधर से शैतान निकल पड़ा उसने जब यह देखा तो कहाः अन्तः आप भी दुनिया की तरफ़...
View Articleआज तो ज़मीन जायदाद वक़्फ़ करने से डर लगता है
आज तो ज़मीन जायदाद वक़्फ़ करने से डर लगता है की कहीं आने वाले वक़्त में यह अपनी ही क़ौम में आपसी दुश्मनी की वजह ना बन जाय | पहले जिनके पास जायदाद ज़्यादा थी वो अपनी ज़मीन वक़्फ़ कर दिया करते थे जिस से वो...
View Articleहज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम
हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की समाधि पवित्र शहर मशहद मे है। जहाँ पर हर समय लाखो श्रद्धालु आपकी समाधि के दर्शन व सलाम हेतू एकत्रित रहते हैं। यह शहर वर्तमान समय मे ईरान मे स्थित है।नाम व लक़ब...
View Articleहज़रत अब्बास (अ) इमाम महदी (अ) की निगाह में
सलाम हो अबुल फ़ज़्ल पर, अब्बास अमीरुल मोमिनीन के बेटे, भाई से सबसे बड़े हमदर्द जिन्होंने अपनी जान उन पर क़ुरबान कर दी, और गुज़रे हुए कल (दुनिया) से आने वाले कल (आख़ेरत) के लिये लाभ उठाया, वह जो भाई पर...
View Articleवक़्त को चार हिस्सों में तकसीम करो | इमाम अली रज़ा (अ.स
इमाम अली रज़ा (अ.स ) ने फरमाया की तुम्हे अपने \ |१. किसी ने तुम्हे पैदा किया है कोई तुम्हारा हाकिम है तुम्हारा रब है इसलिए सबसे पहले वक़्त निकालो तुम्हारे और उसके राब्ते के लिए |२. तुम दुनिया में अकेले...
View Articleहबीब इस्लामी इतिहास की एक महान हस्ती हैं
हबीब इस्लामी इतिहास की वह महान हस्ती हैं जिनका चेहरा सूर्य की भाति इस्लामी इतिहास में सदैव चमकता रहेगा, क्योंकि आप पैग़म्बर (स) के सहाबियों में से थे और आपने बहुत सी हदीसें पैग़म्बरे इस्लाम (स) से सुन...
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