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Channel: हक और बातिल
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लैलतुल रग़ाएब -रजब महीने की पहली शबे जुमा

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रजब महीने की पहली शबे जुमा (गुरुवार की रात) को लैलतुर रग़ाएब कहा जाता है यानी आर्ज़ूओं और कामनाओं की रात ...
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इस महान रात के कुछ ख़ास आमाल हैं, हमारी अगर कोई इच्छा कोई दुआ है और हम चाहते हैं कि अपनी कोई आरज़ू को पूरा कराएं तो हमको इस रात में ईश्वर की बारगाह में हाथ फैलाने चाहिएं और ख़ुदा से उनको पूरा करने की दुआ करनी चाहिए।

सबसे पहले हमें अपने पापो की क्षमां मांगना चाहिए अर्थात् अपने गुनाहों को लेकर अल्लाह की बारगाह में अफसोस ज़ाहिर करें और फिर गुनाहों के दलदल में न फंसने का वादा करें और इस वादे पर बाक़ी रहने की तौफ़ीक़ की दुआ करनी चाहिए।

इस रात में पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने ख़ास नमाज़ का आदेश दिया जिसका बहुत अधिक सवाब है और इस नमाज़ की वजह से बहुत से गुनाह माफ़ कर दिये जाते हैं।

लै-लतुर रग़ाएब की नमाज़ का तरीक़ा

रजब की पहली जुमेरात (गुरुवार) को रोज़ा रखें और जब मग़रिब का समय आ जाये तो मग़रिब और इशा की नमाज़ों के बीच 2-2 रक्कत करके 12 रक्अत नमाज़ पढ़ें

पहली रक्अत में एक बार सूरा-ए-हम्द (سورہ حمد) और तीन बार सूरा-ए-इन्ना अनज़ल्नाह (سورہ انا انزلناہ) और 12 बार क़ुल हुवल्लाहो अहद (قل ھو اللہ) पढ़ें, नमाज़ पूरी करने के बाद 70 बार पढ़ेः

اَللّہمَّ صَلِّ عَلى مُحَمَّدٍ النَّبِىِّ الاُْمِّىِّ وَعَلى آلِہ

अल्हुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिन नबीइल उम्मी व अला आलेह

फिर सज्दे में सर रखें और 70 बार पढ़ेः

سُبُّوحٌ قُدُّوسٌ رَبُّ الْمَلائِكَةِ وَالرُّوحِ

सुब्बूहुन क़ुद्दूसुन रब्बुल मलाएकते वर्रूह

फिर सज्दे से सर उठायें और 70 बार पढ़ेः

رَبِّ اغْفِرْ وَارْحَمْ وَتَجاوَزْ عَمّا تَعْلَمُ اِنَّكَ اَنْتَ الْعَلِىُّ الاَعْظَم

रब्बिग़ फ़िर वरहम व तजावज़ अम्मा तअलम इन्नका अंतल अलीय़ुल अअज़म

फिर सज्दे में सर रखें और 70 बार पढ़ेः

سُبُّوحٌ قُدُّوسٌ رَبُّ الْمَلائِكَةِ وَالرُّوحِ

सुब्बूहुन क़ुद्दूसुन रब्बुल मलाएकते वर्रूह

फिर दुआ मांगे इंशा अल्लाह पूरी होगी




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