नमाज़े आयात पढ़ने का तरीक़ा
1516। नमाज़े आयात की दो रकअतें हैं और हर रकअत में पाँच रुकूअ हैं। इस के पढ़ने का तरीक़ा यह है कि नियत करने के बाद इंसान तकबीर कहे और एक दफ़ा अलहम्द और एक पूरा सूरह पढ़े और रुकूअ में जाए और फिर रुकूअ से सर...
View Articleबुढ़ापा माँ बाप का नौजवानों के लिए अल्लाह की तरफ से इम्तेहान है |
वृद्धावस्था भी मनुष्य के जीवन की परिपूर्णता का एक चरण है और इसमें एवं जवानी में अंतर यह है कि बाल्यकाल और जवानी इंसान के अंदर ऊर्जा से समृद्ध होती है परंतु वृद्धावस्था में ऊर्जा कम हो चुकी होती है और...
View Articleहज़रत अली अलैहिस्सलाम की 600 हदीसें
ग़ु-ररुल हिकम व दु-ररुल कलिम से हज़रत अली अलैहिस्सलाम की 600 हदीसेंसंकलनकर्ता : अब्दुल वाहिद बिन मुहम्मद तमीमी आमदीअनुवादक: सैयद क़मर ग़ाज़ीइस संकलन के बारे मेंमासूमीन अलैहिमुस्सलाम की पाक सुन्नत,...
View Articleहज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम की कुछ ख़ास बातें |
इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम के वंश से थे और उन्होंने अपनी छोटी सी आयु में ज्ञान और परिज्ञान के मूल्यवान ख़ज़ाने छोड़े हैं। वह इमाम जिसकी दया व दान के...
View Articleएक मुनाज़ेरा इमाम तक़ी अ.स. का |
इमाम रज़ा अ.स. को शहीद करने के बाद मामून चाहता था कि किसी तरह से इमाम तक़ी अ.स. पर भी नज़र रखे और इस काम के लिये उसने अपनी बेटी उम्मे फ़ज़्ल का निकाह इमाम तक़ी से करना चाहा।इस बात पर तमाम अब्बासी मामून पर...
View Articleकुरान में तलाक और हलाला कहाँ है ?
सूरए बक़रह की आयत नंबर २२८ इस प्रकार है।और तलाक़ पाने वाली स्त्रियां तीन बार मासिक धर्म आने तक स्वयं को प्रतीक्षा मे रखें और यदि वे ईश्वर तथा प्रलय पर ईमान रखती हें तो उनके लिए वैघ नहीं है कि वे (किसी...
View Articleतलाक की प्रक्रिया को पहले समझें फिर संशोधन की बात करें |
तीन तलाक का मज़ाक इसलिए बन रहा है क्यूँ की आज इस्लाम धर्म के कानून को कुरान की नज़र से बहुत कम लोग जानते हैं | कुरान में उन महिलाओं के लिए कहा गया है जिन्हें तलाक दिया जा चूका है की तीन महीने तक इंतज़ार...
View Articleकुरान में मेहर कहाँ है ?
और महिलाओं का मेहर उन्हें उपहार स्वरूप और इच्छा से दो यदि उन्होंने अपनी इच्छा से उसमें से कोई चीज़ तुम्हें दे दी तो उसे तुम आनंद से खा सकते हो। (4:4) सूरए निसा पारिवारिक आदेशों और विषयों से आरंभ होता...
View Articleसबसे पहले हज़रत मूसा (अ) ने नमाज़ पढ़ी
नमाज़ के महत्व के बारे मे केवल यही काफ़ी है कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने मिस्र मे अपने प्रतिनिधि मुहम्मद इब्ने अबी बकर के लिए लिखा कि लोगों के साथ नमाज़ को समय पर पढ़ना।क्योंकि तुम्हारे दूसरे तमाम कार्य...
View Articleइमाम मुसा अल-काज़िम अलैहिसलाम की नमाज़
यह दो रक्'अत नमाज़ है जिसकी हर रक्'अत में एक मर्तबा सुराः हम्द और बारह (12) मर्तबा सुरह तौहीद पढ़ें - नमाज़ के बाद हज़रात (अ:स) की यह दुआ पढ़ेंअल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद बिस्मिल्लाहिर...
View Articleइस्लाम का सफ़र मक्का से कर्बला तक
मुसलमानों का मानना है कि हर युग और हर दौर मैं अल्लाह ने इस धरती पर अपने दूत(संदेशवाहक/पैग़म्बर), अपने सन्देश के साथ इस उद्देश्य के लिए भेजे हैं कि अल्लाह के यह दूत इंसानों को सही रास्ता दिखायें और...
View Articleइस्लाम का ऐतिहासिक सफ़र मक्के से कर्बला तक |
मुसलमानों का मानना है कि हर युग और हर दौर मैं अल्लाह ने इस धरती पर अपने दूत(संदेशवाहक/पैग़म्बर), अपने सन्देश के साथ इस उद्देश्य के लिए भेजे हैं कि अल्लाह के यह दूत इंसानों को सही रास्ता दिखायें और...
View Articleइस्लाम का सफ़र मक्के से कर्बला तक यजीद लइन की सत्ता |
अमीर मुआविया ने अपने क़बीले बनी उमय्या का शासन स्थापित करने के साथ साथ उस इस्लामी शासन प्रणाली को भी समाप्त कर दिया जिसमें ख़लीफ़ा एक आम आदमी के जैसी ज़िन्दगी बिताता था। मुआविया ने ख़िलाफ़त को राज शाही...
View Articleयज़ीद के दरबार में हज़रत ज़ैनब का ख़ुत्बा
यज़ीद के दरबार में हज़रत ज़ैनब का ऐतिहासिक ख़ुत्बायज़ीद के दरबार में जब हज़रत ज़ैनब (स) की निगाह अपने भाई हुसैन के ख़ून से रंगे सर पर पड़ी तो उन्होंने दुख भरी आवाज़ में जो दिलों की दहला रही थी...
View Articleमक्के से कर्बला तक इमाम हुसैन (अ) की हिजरत
इमाम हुसैन (अ) की हिजरत:वलीद ने इमाम हुसैन (अ) को संदेसा भेजा कि वह दरबार में आयें उनके लिए यज़ीद का एक ज़रूरी पैग़ाम है। इमाम हुसैन (अ) उस समय अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर के साथ मस्जिद-ए-नबवी में बेठे थे।जब...
View Articleमदीने से चला काफिला पहला सफर
इस बात का ज़िक्र मुहर्रम में हर दिन होता है की कैसे मदीने से चला काफिला कर्बला में लुट के कैसे मदीने वापस पहुंचा ? आखिर अपने वतन मदीने को हज़रत मुहम्मद (स.अ व ) के घराने को क्यू छोड़ना पड़ा ।कर्बला की...
View Articleकर्बला के बाद बनी उमय्या की हुकूमत में शियों के हालात।
सन 60 हिजरी में मुआविया की मौत के बाद उसका बेटा यज़ीद जिसे ख़ुद मुआविया ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था और लोगों से उसकी बैअत भी ली थी, इस्लामी दुनिया का शासक बन बैठा। उसने मदीना वासियों ख़ास कर...
View Articleरसूल ऐ इस्लाम स.अ. के देहांत के बाद शिया एक इस्लामी समुदाय के रूप में उभरा-...
शिया समुदाय के राजनीतिक और समाजिक इतिहास का पहला चरण रसूले इस्लाम स.अ. के देहांत से शुरू होकर अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ.ह) की शहादत तक जारी रहा। इस चरण के शुरू से ही इमामत व ख़िलाफ़त का मुद्दा...
View Articleशिया मुसलमानों को कब से शिया कहा जाता है?
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ.) को मानने वालों, आपको पैग़म्बर के दूसरे सहाबा से श्रेष्ठ स्वीकार करने और आपसे प्यार करने वाले मुसलमानों को शिया कहे जाने का इतिहास बहुत पुराना है इसका सम्बंध पैग़म्बरे...
View Articleहज़रते ज़हरा का मर्सिया पैग़म्बर की शहादत के बाद|
पैग़म्बर की शहादत के बाद तीन दिन तक उनका जनाज़ा रखा रहा और मुसलमान सक़ीफ़ा नबी साएदा में अबूबक्र की ख़िलाफ़त में व्यस्त रहे, और यह केवल अली और उनके कुछ साथी ही थे जिन्होंने पैग़म्बर को दफ़्न किया।आपके...
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