कुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:89-107, जादू टोना और यहूदी
सूरए बक़रह की ८९ नवासीवीं आयत इस प्रकार है।और जब ईश्वर की ओर से उनके लिए क़ुरआन नामक किताब आई (जो उन निशानियों के अनुकूल थी जो उनके पास थीं) और इससे पूर्व वे काफ़िरों पर विजय की शुभ सूचना दिया करते थे,...
View Articleईरान का प्रतिनिधि मंडल लखनऊ बड़ा इमामबाडा में |
उत्तर प्रदेश सरकार का मेहमान रहे ईरान के प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख अयातुल्लाह मोहम्मद हस्सन अख्तर साहब से lucknow के बड़े इमामबाड़े में मिलने का मौक़ा मिला | बात चीत के दौरान उन्होंने अपना मुहब्बत का पैगाम...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2: १६७-१८२ ,वसीयत
सूरए बक़रह की १६७वीं आयत इस प्रकार है।और जिन लोगों ने पथभ्रष्ट नेताओं का अनुसरण किया है वे प्रलय के दिन कहेंगे कि काश हमारे पास संसार में वापस लौटने की संभावना होती तो हम इन नेताओं से विरक्त हो जाते,...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:149- ,अकारण बहस मना है क्यूंकि अल्लाह एक...
सूरए बक़रह की आयत संख्या १४८ इस प्रकार है।और हर किसी के लिए क़िब्ला वह दिशा है जिस ओर वह अपना मुख करता है अतः (हर गुट के क़िब्ले के बारे मे व्यर्थ बहस करने के स्थान पर) भलाई करने में एक दूसरे से आगे...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:260-286
सूरए बक़रह की आयत क्रमांक 260 इस प्रकार है।और (हे पैग़म्बर! याद कीजिए उस समय को) जब इब्राहीम ने कहा हे प्रभु! मुझे तू दिखा दे कि किस प्रकार मरे हुए लोगों को जीवित करता है। ईश्वर ने कहा क्या तुम्हें...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:190-199-जिहाद
सूरए बक़रह की आयत नंबर १९० इस प्रकार है।और ईश्वर के मार्ग में उन लोगों से युद्ध करो जो तुमसे युद्ध करते हैं परन्तु अतिक्रमण न करो कि ईश्वर निःसन्देह, अतिक्रमणकारियों को पसंद नहीं करता। (2:190) शत्रु के...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:222 तलाक
सूरए बक़रह की आयत नंबर २२२ और २२३ इस प्रकार है।(हे पैग़म्बर) वे तुमसे महिलाओं के मासिक धर्म के बारे में पूछते हैं। कह दो कि यह यातना (का कारण) है तो इन दिनों में महिलाओं को अलग रखो और उनके समीप न जाओ...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:108-147
सूरए बक़रह की १०८वीं आयत इस प्रकार है।क्या तुम चाहते हो कि अपने पैग़म्बर से प्रश्न और अनुचित मांगे करो, जैसा कि इससे पूर्व बनी इस्राईल ने मूसा से प्रश्न किये थे। जान लो कि कोई इस प्रकार की बहाने...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:200-221-शराब, जुआ , शादी
सूरए बक़रह की आयत नंबर २००, २०१ तथा २०२ इस प्रकार है।फिर जब तुम हज संबन्धी अपने कार्य पूरे कर चुको तो ईश्वर को याद करो, जिस प्रकार तुम अपने पूर्वजों को याद करते थे बल्कि उससे भी अधिक बेहतर (परन्तु यहां...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:183, रोज़ा
सूरए बक़रह की आयत संख्या १८३ इस प्रकार है।हे ईमान लाने वालो! तुम्हारे लिए रोज़ा अनिवार्य किया गया जिस प्रकार तुमसे पहले वाले लोगों पर अनिवार्य किया गया था ताकि शायद तुम पवित्र और भले बन सको। (2:183)...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:132-148
आइए पहले सूरए आले इमरान की १३२वीं और १३३वीं आयतों की तिलावत सुनते हैं।हे ईमान वालो! ईश्वर और उसके पैग़म्बर का आज्ञापालन को ताकि तुम पर दया हो। (3:132) और अपने पालनहार की क्षमा और स्वर्ग की ओर तेज़ी से...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर सूरए निसा ४:86-88- सलाम का जवाब
सूरए निसा की आयत संख्या 86 ।और जब कभी तुम्हें सलामती की दुआ दी जाए तो तुम भी जवाब में उससे बेहतर या कम से कम उस जैसी ही दुआ दो। निसन्देह, ईश्वर हर चीज़ का हिसाब रखने वाला है। (4:86) यह आयत मुसलमानों को...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:77-104
सूरए आले इमरान की आयत संख्या ७७ इस प्रकार है।निःसन्देह, जो लोग ईश्वरीय प्रतिज्ञा और अपनी सौगंधों को सस्ते दामों में बेच देते हैं उनको प्रलय के दिन कोई लाभ नहीं होगा और उस दिन ईश्वर न उनसे बात करेगा और...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:222 तलाक
सूरए बक़रह की आयत नंबर २२२ और २२३ इस प्रकार है।(हे पैग़म्बर) वे तुमसे महिलाओं के मासिक धर्म के बारे में पूछते हैं। कह दो कि यह यातना (का कारण) है तो इन दिनों में महिलाओं को अलग रखो और उनके समीप न जाओ...
View Articleसूरए आले इमरान 3:1-22
सूरए आले इमरान की आयत संख्या २३ और २४ इस प्रकार है।क्या तुम उन लोगों को नहीं देखते जिन्हें किताब (अर्थात) तौरेत का थोड़ा सा ज्ञान प्राप्त है। जब उन्हें उसी ईश्वरीय किताब की ओर बुलाया जाता है ताकि उसी...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:54-76
सूरए आले इमरान की आयत संख्या ५४ तथा ५५ इस प्रकार है।(ईसा मसीह के शत्रुओं ने उनकी हत्या की) योजना बनाई और ईश्वर ने भी (उन्हें बचाने की) युक्ति की और ईश्वर सबसे अच्छा युक्ति करने वाला है। (3:54) जब...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:105-131-फूट मत डालो एक रहो |
सूरए आले इमरान की १०५वीं आयत(हे मुसलमानो!) उन लोगों की भांति न हो जाना जो ईश्वरीय धर्म के बारे में भ्रमित हो गए और उनमें फूट पड़ गई हालांकि उनके लिए स्पष्ट तर्क और नीतियां आ चुकी थीं। और ऐसे ही लोगों...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर सूरए निसा ४:129-146- बहुत पत्नी
सूरए निसा की आयत संख्या 129 और तुम कितना ही चाहो, अपनी पत्नियों के बीच पूर्ण न्याय नहीं कर सकते तो केवल एक ही की ओर न झुक जाओ और दूसरी को अधर में छोड़ दो और (जान लो कि) यदि तुम समझौता कर लो और ईश्वर से...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:187-200
सूरए आले इमरान की आयत नंबर 187 और जब ईश्वर ने (विद्वानों से और) जिन्हें (आसमानी) किताब दी गई थी, यह वचन लिया कि लोगों के लिए (किताब की आयतों को) स्पष्ट करो और उसे न छिपाओ तो उन्होंने उस वचन को पीठ पीछे...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए आले इमरान 3:149-
सूरए आले इमरान की १४९वीं और १५०वीं आयतहे ईमान वालो! यदि तुम काफ़िरों का अनुसरण करोगे तो वे तुम्हें, तुम्हारे पूर्वजों के अज्ञानतापूर्ण संस्कारों की ओर पलटा देंगे, तो तुम घाटा उठाने वाले हो जाओगे।...
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