अगर आप शांती अपने जीवन मी चाहते है तो पढे सूरए माएदा की 16वीं आयत|
श्वर इस (प्रकाश और स्पष्ट करने वाली किताब) के माध्यम से, उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने का प्रयास करने वालों को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित मार्गों की ओर ले जाता है और अपनी कृपा से उन्हें अंधकार से प्रकाश में...
View Articleइमामे अली (अ) क्यों इंसाने कामिल हैं ?
इमाम अली (अ) की श्रेष्ठता शहीद मुतह्हरी की निगाह मेंअली (अ) तारीख़ की वह बे मिसाल ज़ात है जिसने सदियों से साहिबाने फ़िक्र को अपनी तरफ़ मुतवज्जेह कर रखा है तारीख़ के तसलसुल में दुनिया की अज़ीम हस्तियां...
View Articleनजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा के मुआज्ज़ात और जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |
हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा मिले और इसी को अल्लाह से मुहब्बत कहा जाता है | अल्लाह के नेक बन्दे अपनी ज़िन्दगी में भी अल्लाह के नेक बन्दों...
View Articleमैं एक शिया मुसलमान नहीं हूँ
टीवी शिया. शेख़ ज़कज़की की बेटी ने कहाः मैं एक शिया मुसलमान नहीं हूँ, मैं केवल एक मुसलमान हूँ, मुसलमान से पहले कुछ नहीं लगाना चाहिये, हम मुसलमानों को हर उस चीज़ का विरोध करना चाहिये जो हमको विभिन्न...
View Articleख़ुत्बा और बानियाने मजलिस के नाम एक महत्वपूर्ण अनुरोध
ख़ुत्बा और बानियाने मजलिस के नाम एक महत्वपूर्ण अनुरोधयह वोह वक़्त है जब जनता सुनने के लिए तैयार होती है! कर्बला का वाक़िया एक मोएज्ज़ा है! और मुहर्रम वोह वक़्त है जब लोग दीने इस्लाम का पैगाम सुनते हैं!...
View Articleहज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का अख़लाक़
मुआविया बिन वहब कहते हैं: मैं मदीना में हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के साथ था, आप अपनी सवारी पर सवार थे, अचानक सवारी से उतर गए, हम बाजार जाने का इरादा रखते थे लेकिन इमाम अलैहिस्सलाम सज्दा में...
View Articleमाँ बाप और अह्लेबय्त
अमीरूल मोमेनीन अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया: बाप का अधिकार है कि सन्तान उसकी हर बात माने सिवाये उन बातों के जिनके अंजाम देने से अल्लाह तआला की अवज्ञा होती हो।.इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया: माँ बाप से...
View Articleजब इमाम मेहदी (स.अ) का ज़हूर होगा तक क्या हालात होंगे ?
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर से पहले जो अलामतें ज़ाहिर होंगी उनकी तकमील के दौरान ईसाई दुनिया को फ़तह करने के इरादे से उठ खड़े होगें और बहुतसे मुल्कों पर क़ब्ज़ा कर लेंगे। उसी ज़माने में...
View Articleहज़रत फातिमा ज़हरा स.अ की तस्बीह की फ़ज़ीलत |
हज़रत फातिमा ज़हरा स.अ की तस्बीह की फ़ज़ीलत |तस्बीह के बारे मै अयातुल्लाह सय्यद अली नकी नकवी (नक्कन साहब)फरमाते है :कहीं से माले गनीमत में कुछ कनीज़े आई और वोह असहाब को तकसीम की जा रही थी -तो रिवायत...
View Articleख़ुदा की इबादत की क़िस्में
ख़ुदा की इबादत की क़िस्मेंइमाम अली अलैहिस सलाम नहजुल बलाग़ा में इबादत और उपासना करने वालों के तीन प्रकार बयान फ़रमाते हैं:इन्ना क़ौमन अबदुल्लाहा रग़बतन फ़ तिलका इबादतुत तुज्जार.......। (1)कुछ लोग ख़ुदा...
View Articleसूरए नूर, आयतें 1-16 व्यभिचार और लांछन लगाने का दंड |
सूरए नूर, आयतें 1-5 अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। यह एक सूरा है, जिसे हमने उतारा है और इस (के आदेशों के पालन) को अनिवार्य किया है, और हमने इसमें स्पष्ट आयतें उतारी हैं कि शायद तुम...
View Articleपत्नियों पे तोहमत लगाने का दंड |... सूरए नूर, आयतें 15-23
सूरए नूर, आयतें 15-23, सूरए नूर की आयत क्रमांक 15 और 16 जब तुम उस (झूठ बात) को एक दूसरे से (सुन कर) अपनी ज़बानों पर लाते रहे और अपने मुँह से वह कुछ कहते रहेजिसके विषय में तुम्हें कोई ज्ञान ही न था और...
View Articleनहजुल बलाग़ा और अम्र बिल मारूफ और नही अनिलमुन्कर|
हम अम्र बिलमारूफ अर्थात अच्छाई का आदेश देनानमाज़, रोज़ा, हज, और जेहाद की भांति अम्र बिलमारूफ को भी धार्मिक आदेशों में समझा जाता है और उनके मध्य इसे विशेष स्थान प्राप्त है। हज़रत अली अलैहिस्सलाम के...
View Articleरिश्तेदारों के अधिकार ..सूरए नूर की आयत नंबर 60 -64
सूरए नूर की आयत नंबर 60 और जो वृद्ध स्त्रियाँ जिन्हें विवाह की आशा न रह गई हो, उन पर कोई दोष नहीं कि वे अपने कपड़े (अर्थात आवरण) उतार कर रख दें, इस शर्त के साथ कि वे अपने श्रृंगार का प्रदर्शन न करें।...
View Articleसूरए नूर, आयतें 32-34..शादी करने के हिदायत |
और तुम में जो (युवा व युवतियां) अविवाहित हों और तुम्हारे दासों व दासियों में जो भले व योग्य हों, उनका विवाह कर दो (और दरिद्रता से न डरो कि) यदि वे ग़रीब होंगे तो ईश्वर अपने अनुग्रह से उन्हें आवश्यकता...
View Articleहे ईमान लाने वालो! अपने घरों के अतिरिक्त दूसरे घरों में बिना अनुमति प्रवेश ना...
सूरए नूर, आयतें 24-29, जिस दिन कि उनकी ज़बानें, उनके हाथ और उनके पाँव उनके विरुद्ध उन (कर्मों) की गवाही देंगे, जो वे करते रहे थे। (24:24) उस दिन ईश्वर उन्हें उनका ठीक-ठीक बदला पूर्ण रूप से दे देगा और...
View Articleइमाम अली बिन हुसैन की बहुत सी उपाधियां हैं जिनमें ज़ैनुल आबेदीन और सज्जाद...
शाबान की पांच तारीख है। ३८ हिजरी कमरी में शाबान महीने की पांच तारीख को ही पवित्र नगर मदीना में इमाम अली बिन हुसैन अर्थात हुसैन के बेटे अली का जन्म हुआ। ईरानी राजकुमारी शहरबानो आपकी माता हैं।इमाम अली...
View Articleमज़हबी साजिशों का शिकार यह समाज|
इधर मैंने कुछ लेख इस्लाम और आज का मुसलमान जैसे विषयों पे लिखे जैसे इस्लाम के दामन में लगा दाग़ ,धर्म और भ्रष्टाचार ,इस्लाम की हकीकत"बहुत से लोगों ने सवाल भी पूछे| कुछ के सवाल इस बात की ओर इशारा करते थे...
View Articleकुरान तर्जुमा और तफसीर -सूरए बक़रह 2:89-107, जादू टोना और यहूदी
सूरए बक़रह की ८९ नवासीवीं आयत इस प्रकार है।और जब ईश्वर की ओर से उनके लिए क़ुरआन नामक किताब आई (जो उन निशानियों के अनुकूल थी जो उनके पास थीं) और इससे पूर्व वे काफ़िरों पर विजय की शुभ सूचना दिया करते थे,...
View Articleहजरत अली की कीर्ति और प्रेमचंद |
“कानपुर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका प्रभा में सन 1923 में प्रेमचंद का एक लेख हजरत अली शीर्षक से प्रकाशित हुआ था।हजरत अली की कीर्ति जितनी उज्ज्वल और चरित्र जितना आदर्श है उतना और किसी का न होगा। वह...
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