$ 0 0 इमाम महदी अलैहिस्सलामइमाम महदी अलैहिस्सलामहदीसे रसूल की रौशनी मेंमुक़द्दमाक़ुरआनी मुक़ारेनतहदीसुल मुनाशिदामहदीख़ानएकाबाकेख़ज़ानेकीतक़सीमफ़रमायेगेंऔर यह उसी वक़्त होगा जब हमारा क़ायम ज़हूर करेगा।ग़ायतुल मामूलमहदी(अ.) का परचममहदी से हर चीज़ ख़ुश होगीअलामते ज़हूरपाँच अलामतें(सूरह निसा आयत 159)इमाम का क़िताल हक़ पर होगा।महदी(अ) रुक्ने शदीद हैंमहदी (अ) की हुकूमत पाँचवी होगीदज्जाल के मअनामहदी का ज़िक्र तमाम किताबों में मौजूद हैसुकून व इतमीनान:यहूदीयत फ़ना हो जायेगीदुनिया में मसीहीयत बाक़ी न रहेगीपहला जवाबदूसरा जवाब तूलुल आमारसवाल:जवाब: अमानतों की अदाएगीशरीर हलाक होंगे इमाम के परचम के नीचे कोई भी दुशमन बाक़ी नही रहेगा।